चलिए मिलवा दूँ उसको आप से शायद आपको अपना मिल जाये ,
नटखट है बहुत बात बात पर लड़ता था ,टीवी का रिमोट गलती से मेरे हाथ आने पर ,
जो सेंसर पर हाथ रख कर नाचता था ,
जो मेरे साथ फेविकोल के मजबूत जोड़ सा चलता था ,
चाय भी बस अपनी और मेरी ही बनाता था ,मेरी मैगी को जो धोखे से हड़पता था,
पर मेरे रोने पर जो पूरी मैगी अपने हाथों से मेरे लिए बनाकर लाता था,
मेरी हर बात जो समझता था ,मेरे मन की जिसको थाह थी ,
मेरे आंसुओं की जिसको परवाह थी ,कभी जूतों चप्पलों के युद्ध में मुझे थकाता था ,
मेरे फैशन पर जम कर मेरा मज़ाक उड़ाता था ,
जब स्कूटर न आने पर भी उसने मुझे पहली बार कॉलेज पहुँचाया था ,अपने कंधे पर सर रखकर जाने कितनी बार सुलाया था ,
मेरे हर डर को ,”कैसी है ये पागल ” कहकर भगाया था ,
पानी के एक गिलास के लिए कितनी बार ब्लैकमेल कर दौड़ाया था ,
अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट करने के लिए मेरा समान चुराया था ,मेरी शादी तय होने पर ,
जीजाजी के नाम पर ब्लैकमेल करने वाला वो,दो इयरफोन में से एक को अपने कान में डाल कर बातें सुनने वाला वो ,
उसके एक थप्पड़ पर ,मेरा उसके पैर तोड़ने का संकल्प ,फिर कभी एक दूसरे का मुँह न देखने की कसम ,
पर किसी और के हमारे बारे में कुछ कहने पर उससे ही लड़ना ,
पराठे गरम खाने के लालच में “चल आधा आधा खाते हैं ,अगला तू लाएगा,फिर मैं ”
कहते कहते जाने कितनी खुशियां उन पलों में छुपाई है ,
उसके एक कपडे को प्रेस करने के बदले जाने कितनी सेवा करवाई है ,
अभी एक सबसे छोटा भाई भी होता है ,जिसे गोद में लेकर परेशान कर जाने कितनी बार रुलाया है ,
उसे भी जाने क्या क्या खिलाया है ,पर उसे बड़े भाई बहन बच्चा समझ कर चाहते है ,क्योकि वो बेबी ब्रो होता है ,
जो टेडी बेयर जैसा भले ही न हो ,पर लगता वो वही है ,एक प्यारा सा खिलौना बड़े भाई बहनों का,
जिसे परेशान करने जैसा सुख कहाँ कोई पाता है ,
और शादी करके बहन परायी हो जाती है ,वो जो रोया था उसकी विदाई पर ,आज कुछ बदल सा गया है ,क्योंकि अब वो बड़ा हो गया है ,
जो मेरे पर्स से खुद पैसे निकाल लेता था ,आज वो मेरे सामान को भी पूछ कर हाथ लगाता है ,
जो मेरा क्रीम बिना पूछे ही ख़तम कर डालता था और मुझे डब्बा पकड़ा जाता था ,आज वो भी पूछ कर हाथ लगाता है ,
बड़ा हो गया है भाई मेरा और मैं परायी हो गयी हूँ,
उसे अपनी ज़िन्दगी में फुर्सत नहीं और मैं अपनी दुनियां में खो गयी हूँ ,
घर भी तो बदल गए हैं,बड़े हो गए हैं बस जगह ही नहीं रही ,
काश की बीते पल लौट आते ,पर अब वो ढूंढती रहती है अपने भाई को कभी पति में ,तो कभी अपने बच्चों में ,
और मिल भी जाते हैं कुछ पल उसे अपनी नयी दुनियां में ,जिसे फिर से वो जीना चाहती हैं ,
पर जब कभी पीछे मुड़ के उन पलों में जाती हैं ,फिर से सब वही पाती हैं ,और फिर से जी लेती हैं उन सारे पलों को ,
और छुपा लेती हैं फिर से हर किसी से ,अगली बार फिर वहाँ जाने के लिए||
धन्यवाद||
कवित्री निहारिका। वाह क्या लिखा है
Well done😘
thanks rekha and ankita for appreciating 🙂
Awosam ..brother sister love …
thanks di 🙂
Nice collection of words
thanks 🙂
Impressive!Thanks for the post
thanks for appreciating 🙂
True love….nice…
thanks bhabhi 🙂
thanks 🙂